पश्चिमोत्तासन अर्धचंद्र योग मुद्रा: लाभ, चरण और विविधताएँ
परिक्रामी अर्धचंद्रासन, जिसे संस्कृत में परिवृत्त अर्ध चंद्रासन भी कहा जाता है, एक चुनौतीपूर्ण और गतिशील खड़ी मुद्रा है जो संतुलन, शक्ति और लचीलेपन का संयोजन करती है। इस मुद्रा में अभ्यासकर्ता को एक पैर पर संतुलन बनाते हुए धड़ को फैलाना और मोड़ना होता है, जिससे अर्धचंद्र जैसा एक सुंदर और सामंजस्यपूर्ण आकार बनता है।.